रैंडम सैंपल परीक्षण में सामने आए दोनों कोरोना संक्रमित मरीज

शिमला

कोरोना वायरस की जांच
हिमाचल में पहली बार जिला हमीरपुर के दोनों कोरोना संक्रमित मरीज रैंडम सैंपल परीक्षण में सामने आए हैं। दोनों का यात्रा इतिहास नहीं होने से संक्रमण कैसे फैला यह पहेली बन गया है। महिला बजूरी पंचायत में रह रहे एक ठेकेदार की पत्नी जबकि दूसरा संक्रमित नादौन के जोलसप्पड़ का एक निजी स्कूल का प्रिंसिपल है। दोनों संक्रमित मेडिकल कॉलेज में चेकअप कराने आए थे। शुक्रवार देर रात दोनों को भोटा अस्पताल में भर्ती कर दिया। हमीरपुर जिले में पहली बार कोरोना संक्रमण के मामले आने पर यहां कर्फ्यू में ढील रद्द कर दी है, जिले की सीमाएं सील करने के अलावा स्वास्थ्य विभाग ने दोनों परिवारों के सदस्यों समेत सौ से अधिक के सैंपल लिए हैं। दोनों के परिजन घर पर क्वारंटीन कर दिए हैं।
हैरानी की बात है कि दोनों कोरोना संक्रमित मरीज अपने परिवार के साथ घर पर रह रहे थे। ठेकेदार की पत्नी उत्तर प्रदेश के बरेली की रहने वाली हैं। वे पिछले 20 वर्षों से बजूरी में किराये के भवन में रहते हैं। उसी भवन में बाहरी राज्यों के करीब 8 से 9 परिवारों के 35 से अधिक लोग रहते हैं। महिला और उसका परिवार 26 फरवरी को बरेली में एक रिश्तेदार की शादी में गए थे और पांच मार्च को हमीरपुर लौटे। महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी ने डेढ़ सप्ताह पहले कान में सरसों का तेल डाला था जो जम गया था और उसे सुनने में दिक्कत हो रही थी। इसके बाद हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विशेषज्ञ के पास गए, लेकिन वहां फ्लू ओपीडी में चेकअप करवाने को कहा।

पत्नी को जुकाम और बुखार की कोई समस्या नहीं। अस्पताल में डॉक्टर ने सैंपल लेने को कहा। जोलसप्पड़ निवासी स्कूल संचालक ने बताया कि वह तीन महीने से घर पर है। बुखार होने पर गांव के क्लीनिक पर पहले 28 मार्च, फिर 3 अप्रैल को चेकअप करवाया, जिससे स्वास्थ्य में सुधार हो गया, लेकिन पत्नी ने उन्हें कोरोना का हवाला देते हुए मेडिकल कॉलेज जाने को कहा। यहां फ्लू ओपीडी में सैंपल लिए, जांच में दोनों सैंपल पॉजिटिव निकले। उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने बताया कि दोनों मरीज रैंडम सैंपलिंग से सामने आए हैं। लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

स्टेज थ्री में पहुंचने की आशंका
विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना संक्रमण की पहले स्टेज में विदेशों से आए लोगों के संक्रमित होने का खतरा था। दूसरा पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने से। तीसरी स्टेज में स्थानीय लोगों में बिना किसी के संपर्क और ट्रेवल हिस्ट्री के संक्रमण फैलना होता है। हालांकि, सरकार और प्रशासन संक्रमण कैसे फैला इसकी जांच में जुटे हैं।

कैबिनेट ने मामले पर चिंता जताई, जांच के निर्देश दिए
कैबिनेट ने हमीरपुर में बगैर लक्षण और बगैर यात्रा इतिहास के कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस सामने आने पर गहरी चिंता जताई। इन लोगों के संपर्क में आए लोगों की गंभीरता से खोज करने की भी जरूरत जताई, जिससे कि इस वायरस को अन्यत्र फैलने से रोका जा सके।

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